Matalab Nikal Gaya Hai To Pehchanate Nahi Karaoke With Hindi Lyrics

Matalab Nikal Gaya Hai To Pehchanate Nahi Karaoke With Hindi Lyrics

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मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं हाय
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं

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Description

मतलब निकल गया है तो
पहचानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं हाय
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं

अपनी गरज थी जब तो लिपटना कुबूल था
अपनी गरज थी जब तो लिपटना कुबूल था
बाहों के दायरे में सिमटना कुबूल था
बाहों के दायरे में सिमटना कुबूल थाहाय
अब हम मना रहे हैं मगर
मानते नहीं
अब हम मना रहे हैं मगर मानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं

हमने तुम्हें पसंद किया क्या बुरा किया

हमने तुम्हें पसंद किया क्या बुरा किया
रूतबा ही कुछ बलन्द किया क्या बुरा किया
अरे रूतबा ही कुछ बलन्द किया
क्या बुरा किया हाय
हर इक गली की ख़ाक तो हम
छानते नहीं
हर इक गली की ख़ाक तो हम छानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं

मुंह फेर कर न जाओ हमारे करीब से
मुंह फेर कर न जाओ हमारे करीब से
मिलता है कोई चाहने वाला नसीब से
मिलता है कोई चाहने वाला नसीब से हाय
इस तरह आशिक़ों पे कमान
तानते नहीं
इस तरह आशिक़ों पे कमान तानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं

Additional information

Singer

Released

1977

Music Director

RAVI

Movie

amanat

Mood

Romantic

Lyrics

Sahir Ludhiyanvi

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मतलब निकल गया है तो
पहचानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं हाय
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं

अपनी गरज थी जब तो लिपटना कुबूल था
अपनी गरज थी जब तो लिपटना कुबूल था
बाहों के दायरे में सिमटना कुबूल था
बाहों के दायरे में सिमटना कुबूल थाहाय
अब हम मना रहे हैं मगर
मानते नहीं
अब हम मना रहे हैं मगर मानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं

हमने तुम्हें पसंद किया क्या बुरा किया

हमने तुम्हें पसंद किया क्या बुरा किया
रूतबा ही कुछ बलन्द किया क्या बुरा किया
अरे रूतबा ही कुछ बलन्द किया
क्या बुरा किया हाय
हर इक गली की ख़ाक तो हम
छानते नहीं
हर इक गली की ख़ाक तो हम छानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं

मुंह फेर कर न जाओ हमारे करीब से
मुंह फेर कर न जाओ हमारे करीब से
मिलता है कोई चाहने वाला नसीब से
मिलता है कोई चाहने वाला नसीब से हाय
इस तरह आशिक़ों पे कमान
तानते नहीं
इस तरह आशिक़ों पे कमान तानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं