Man Ki Pyas Mere Man Se Na Nikali Karaoke With Hindi Lyrics

Man Ki Pyas Mere Man Se Na Nikali Karaoke With Hindi Lyrics

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मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली

पायल आहें भरे घुँघरू रोये संग संग मेरे

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Description

मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली

पायल आहें भरे घुँघरू रोये संग संग मेरे
पायल आहें भरे
घुँघरू रोये संग संग मेरे
थिरके पग बेकरार
बेबस देखो कजरा भरे
खाली गागर सिर पे साधे प्यासी जाऊँ किसके आगे
सबके नयन बिन बरखा की बदली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली

हो
हूँ मैं ऐसी पवन
बांधा जिसको संसार ने
हूँ मैं ऐसी पवन
बांधा जिसको संसार ने
ऐसी झनकार हूँ
घेरा जिसको दीवार ने
सोचा था झूलूँगी गगन में पड़ गये बंधन सारे तन में
भई बेजान मैं निरत बिन बिजली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पूँ के जैसे
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे

Additional information

Singer

Released

1971

Music Director

Laxmikant Pyarelal

Movie

Jal bin machhali nrutya bin bijali

Mood

Classical Mood

Lyrics

Majrooh Sultanpuri

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मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली

पायल आहें भरे घुँघरू रोये संग संग मेरे
पायल आहें भरे
घुँघरू रोये संग संग मेरे
थिरके पग बेकरार
बेबस देखो कजरा भरे
खाली गागर सिर पे साधे प्यासी जाऊँ किसके आगे
सबके नयन बिन बरखा की बदली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली

हो
हूँ मैं ऐसी पवन
बांधा जिसको संसार ने
हूँ मैं ऐसी पवन
बांधा जिसको संसार ने
ऐसी झनकार हूँ
घेरा जिसको दीवार ने
सोचा था झूलूँगी गगन में पड़ गये बंधन सारे तन में
भई बेजान मैं निरत बिन बिजली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पूँ के जैसे
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे