Dil Dhundhata Hai Phir Wahi Fast Hindi Lyrics Karaoke
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दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
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जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
आँखों पे खींचकर तेरे दामन के साये को
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Description
ओ …………………..
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
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जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
आँखों पे खींचकर तेरे दामन के साये को
आँखों पे खींचकर तेरे दामन के साये को
औंधे पड़े रहें कभी करवट लिये हुए
दिल ढूँढता है
हो दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
या गरमियों की रात जो पुरवाईयाँ चलें
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या गरमियों की रात जो पुरवाईयाँ चलें
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक
तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए
दिल ढूँढता है
हो दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
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बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें
वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें
आँखों में भीगे-भीगे से लम्हें लिये हुए
दिल ढूँढता है
हो दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
Additional information
Singer | |
---|---|
Released | 1975 |
Music Director | Madan Mohan |
Movie | Mausam |
Mood | Classical Mood |
Lyrics | Gulzar |
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ओ .......................
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
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जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
आँखों पे खींचकर तेरे दामन के साये को
आँखों पे खींचकर तेरे दामन के साये को
औंधे पड़े रहें कभी करवट लिये हुए
दिल ढूँढता है
हो दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
या गरमियों की रात जो पुरवाईयाँ चलें
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या गरमियों की रात जो पुरवाईयाँ चलें
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक
तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए
दिल ढूँढता है
हो दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
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बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें
वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें
आँखों में भीगे-भीगे से लम्हें लिये हुए
दिल ढूँढता है
हो दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
दिल ढूँढता है फिर वही
फ़ुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है फिर वही
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