Naam Hai Tera Taranhara (Jain Stavan) Karaoke

Naam Hai Tera Taranhara (Jain Stavan) Karaoke

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नाम है तेरा तारणहारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…

तुमने तारे लखो प्राणी
यह संतो की वाणी है
यह संतो की वाणी है

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Description

नाम है तेरा तारणहारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…
नाम है तेरा तारणहारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…

तुमने तारे लखो प्राणी
यह संतो की वाणी है
यह संतो की वाणी है
तेरी छवि पर मेरे भगवंत
यह दुनिया दीवानी है
यह दुनिया दीवानी है
यह दुनिया दीवानी है
भाव से तेरी पूजा रचाऊ
१ २ ३ ४
भाव से तेरी पूजा रचाऊ
जीवन मे मंगल होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…

सुरवर मूनिवर जिनके चरण मे
निषदिन शीश झुकाते है
निषदिन शीश झुकाते है
जो गाते है प्रभु की महिमा
वो सब कुछ पा जाते है
वो सब कुछ पा जाते है
वो सब कुछ पा जाते है
अपने कष्ट मिटाने को
१ २ ३ ४
अपने कष्ट मिटाने को तेरे
चरनो का वंदन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा

मन की मुरादे लेकर स्वामी
तेरे चरणों में आते है
तेरे चरणों में आते है
हम है बालक, तेरे जिनवर
तेरे ही गुण गाते है
तेरे ही गुण गाते है
तेरे ही गुण गाते है
भाव से पार उतरने को
१ २ ३ ४
भाव से पार उतरने को तेरे
गीतो का सरगम होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा
नाम है तेरा तारणहारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…

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Mood

Jain Bhajan / stavan

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नाम है तेरा तारणहारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…
नाम है तेरा तारणहारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…

तुमने तारे लखो प्राणी
यह संतो की वाणी है
यह संतो की वाणी है
तेरी छवि पर मेरे भगवंत
यह दुनिया दीवानी है
यह दुनिया दीवानी है
यह दुनिया दीवानी है
भाव से तेरी पूजा रचाऊ
१ २ ३ ४
भाव से तेरी पूजा रचाऊ
जीवन मे मंगल होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…

सुरवर मूनिवर जिनके चरण मे
निषदिन शीश झुकाते है
निषदिन शीश झुकाते है
जो गाते है प्रभु की महिमा
वो सब कुछ पा जाते है
वो सब कुछ पा जाते है
वो सब कुछ पा जाते है
अपने कष्ट मिटाने को
१ २ ३ ४
अपने कष्ट मिटाने को तेरे
चरनो का वंदन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा

मन की मुरादे लेकर स्वामी
तेरे चरणों में आते है
तेरे चरणों में आते है
हम है बालक, तेरे जिनवर
तेरे ही गुण गाते है
तेरे ही गुण गाते है
तेरे ही गुण गाते है
भाव से पार उतरने को
१ २ ३ ४
भाव से पार उतरने को तेरे
गीतो का सरगम होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा
नाम है तेरा तारणहारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा
वो कितना सुंदर होगा…