Aye Mere Humsafar Ek Zara Intazaar With Female Voice Karaoke

Aye Mere Humsafar Ek Zara Intazaar With Female Voice Karaoke

300.00

ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
१ २ ३ ४
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की

  • Description
  • Additional information
  • Reviews (0)
  • hindi lyrics

Description

१…..२…..३…..४…..
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
१ २ ३ ४
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
१…..२…..३…..४…..
अब है जुदाई का मौसम,
दो पल का मेहमां
कैसे ना जाएगा अंधेरा,
क्यूँ ना थमेगा तूफां
१ २ ३ ४
अब है जुदाई का मौसम,
दो पल का मेहमां
कैसे ना जाएगा अंधेरा,
क्यूँ ना थमेगा तूफां
कैसे ना मिलेगी, मंजिल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
१…..२…..३…..४…..
प्यार ने जहाँ पे रखा है,
झूम के कदम इक बार
वहीं से खुला है कोई रस्ता,
वहीं से गिरी है दीवार
१ २ ३ ४
प्यार ने जहाँ पे रखा है,
झूम के कदम इक बार
वहीं से खुला है कोई रस्ता,
वहीं से गिरी है दीवार
रोके कब रुकी है, मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की

Additional information

Singer

Released

1988

Music Director

Anand Milind

Movie

Qayamat se Qayamat tak

Mood

Romantic

Lyrics

Majrooh Sultanpuri

Reviews

There are no reviews yet.


Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

१.....२.....३.....४.....
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
१ २ ३ ४
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
१.....२.....३.....४.....
अब है जुदाई का मौसम,
दो पल का मेहमां
कैसे ना जाएगा अंधेरा,
क्यूँ ना थमेगा तूफां
१ २ ३ ४
अब है जुदाई का मौसम,
दो पल का मेहमां
कैसे ना जाएगा अंधेरा,
क्यूँ ना थमेगा तूफां
कैसे ना मिलेगी, मंजिल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
१.....२.....३.....४.....
प्यार ने जहाँ पे रखा है,
झूम के कदम इक बार
वहीं से खुला है कोई रस्ता,
वहीं से गिरी है दीवार
१ २ ३ ४
प्यार ने जहाँ पे रखा है,
झूम के कदम इक बार
वहीं से खुला है कोई रस्ता,
वहीं से गिरी है दीवार
रोके कब रुकी है, मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की